कोरिया-जापान विलय समझौता (अगस्त 22, 1910)
कोरिया के सम्राट और जापान के सम्राट, दोनों देशों के बीच विशेष और निकट संबंधों के मद्देनज़र, दोनों राष्ट्रों के परस्पर संपन्नता के बढ़ावा देने और सूदूर पूर्व में स्थायी शांति सुनिश्चित करने की इच्छा पूर्ति हेतु आश्वस्त होकर इन उद्देश्यों की पूर्ति कोरिया को जापानी साम्राज्य में विलय करने के संकल्प से ही किया जा सकता है, इसी प्रकार के विलय समझौते पर पहुँची है और इसके लिए अपने विशेषाधिकारियों के रूप में कोरिया के सम्राट ने प्रधान मंत्री यी वान-योंगऔर जापान सम्राट ने अपने रेजीडेन्ट जनरल देराउछीमासाथाखे को सभी मामलों के अधिकारी में नियुक्त किया है जो आपसी मिलाप और विमर्श के पश्चात् निम्नांकित अनुच्छेदों पर सहमति जाहिर की है:
अनुच्छेद 1 : कोरिया सम्राट पुरे कोरिया के संप्रभुता के सभी अधिकारों को सम्पूर्ण और स्थायी रूप से जापानी सम्राज्य को सौंपती है ।
अनुच्छेद 2 : जापान सम्राट ऊपर्युक्त अनुच्छेद में अभिव्यक्त समर्पण को स्वीकार करती है और सम्पूर्ण कोरिया को जापानी साम्राज्य में विलय से सहमत है ।
अनुच्छेद 3 : जापानी सम्राट कोरिया के सम्राट, पूर्व सम्राट और वर्तमान राजकुमार और उनके परिवार और उत्तराधिकारियों को उनके ओहदों के अनुसार सम्मानित किया जाएगा और उन सम्मान और प्रतिष्ठा को बनाये रखने के लिए एक पर्याप्त वार्षिक राशि प्रदान करेंगे ।
अनुच्छेद 4 : ऊपर्युक्त अनुच्छेदों के अलावा भी, जापानी सम्राट कोरिया राजघराने से जुड़े सदस्यों के उचित सम्मान और प्रतिष्ठा हेतु आवश्यक राशि प्रदान करेंगे ।
अनुच्छेद 5 : जापानी सम्राट ऐसे कोरियाई जनता को प्रतिष्ठित उपाधि या मुद्रा राशि प्रदान करेंगे जिनकी दक्ष सेवा को उच्च कोटि की श्रेणी में रखा जाएगा ।
अनुच्छेद 6 : ऊपर्युक्त विलय के परिणामस्वरूप जापानी सरकार पूर्ण रूप से कोरिया का सारा सरकार और प्रशासन का भार लेकर कोरियाई व्यक्ति तथा संपत्ति की सुरक्षा करेगी और जिन लोगों के कल्याणकारी विकास की चेष्टा करेगी, वे उस क्षेत्र में मौजूदा कानून का पालन करते हैं ।
अनुच्छेद 7 : जापानी सरकार, परिस्थितियों के मद्देनज़र, कोरिया के उन लोगों को कोरिया के जापानी साम्राज्य के सरकारी अफसर में नियुक्त करेगी जो सद्भव व लिष्ठा से नये शासन में भरोसा जताएँगे और ऐसे सेवाओं के लिए योग्य पाए जाएँगे ।
अनुच्छेद 8 : यह समझौता, जापान सम्राट और कोरिया सम्राट के सहमति से, घोषणा के तुरंत बाद से लागू समझी जाएगी ।
ऊपर उक्त प्रमाणों के अनुसार दोनों सरकारों के प्रतिनिधियों को विश्वाश में लेकर इस समझौते पर हस्ताक्षर और मोहर लगाई गई है ।
यूंही के चार वर्ष (1910) अगस्त 22
यी वान-योंग, प्रधान मंत्री (मोहर)
मैजीके तैंतालीस वर्ष (1910) अगस्त 22
देराउछीमासाथाखे, रेजीडेन्ट जनरल (मोहर)