01. कोरियाई अल्पाइन क्लब ने उल्लुंग्दोकी यात्रा पर एक टीम भेजी।, 『हानसोंग इल्बो』 (अगस्त 3, 1947)
कोरियाई अल्पाइन क्लब ने उल्लुंग्दोकी यात्रा पर एक टीम भेजी।
पूर्वी सागर और पूर्वोतर कोरियाई क्षेत्र में स्थित एकमात्र द्वीप उल्लुंग्दोपर अंततः एक वैज्ञानिक शोध टीम को भेजने का निर्णय लिया गया। कोरियन अल्पाइन क्लब की ग्रीस्म ऋतु की यह परियोजना है। इस टीम में कई सुप्रसिद्ध देश के विद्वान 16 अगस्त को सीओलसे द्वीप के लिए दो सप्ताह के दौरे पर रवाना होंगे। यह 18 अगस्त को पोहांग से होकर गुज़रेगी।
समुद्र से दूर स्थित इस द्वीप का प्राकृतिक वातावरण और सांस्कृति हमेशा से अनोखा रहा है। दूरी के कारण इस द्वीप का मुख्य शहर से संबंध सीमित रहा है, ऐसा न केवल युद्ध के समय बल्कि 1945 में राष्ट्रीय स्वतंत्रता के समय से ही रहा है। द्वीप के गहन सार्वेक्षण हेतु एक उत्कृष्ट अनुसंधान टीम भेजना काफी अहम है, और अकैडमिक/शैक्षणीक जगत मे इस ओर व्यापक सहयोग जुटाने की कोशिश भी की जा रही है और साथ ही साथ इससे बड़ी उम्मीदें भी हैं। इस टीम में शामिल संगठन निम्नलिखित/ निम्नांकित हैं:
समाज विज्ञान ईकाई A (ऐतिहासिक भूगोल, अर्थव्यवस्था, पुरातत्व, लोककथा और भाषा) समाज विज्ञान ईकाई B (वनस्पति); भूविज्ञान और खनिजशास्त्र ईकाई; कृषि और वन्य ईकाई; चिकित्सकीय ईकाई; मत्स्य ईकाई; मौसम विज्ञान ईकाई; जनसंचार एवं फोटोग्राफी ईकाई; और मुख्यालय (सामान्य प्रशासन, खाद्य आपूर्ति एवं संसाधन और यातायात)।