02. उल्लुंग्दो वैज्ञानिक अभियान रिपोर्ट (1), हाँग जोंग-इन के द्वारा, 『हानसोंग इल्बो』 (सितम्बर 21, 1947)
हाँग जोंग-इन द्वारा उल्लुंग्दो वैज्ञानिक अभियान रिपोर्ट (1)
अभियान दल का मिशन
राष्ट्रीय इतिहास, शिक्षा और सांस्कृतिक अभियान की यह मूलभूत जिम्मेदारी है कि ये राष्ट्रीय भूभाग और इसके विस्तार को एक नयी वैज्ञानिक पहचान मुहैया करायें । राष्ट्र की स्घिरता और विकास के लिए भूक्षेत्र और नागरिकों की जरूरत होती है । वर्तमान में, हम राष्ट्र पुनर्निर्माण के ऐतिहासिक चरण में हैं, XXX देशभक्ति को बढ़ावा देने और कार्यान्वित करने के लिए हमें अपने राष्ट्रीय भूक्षेत्र और नागरिकों के जीवन स्तर को समझ कर मजबूत करना होगा । यह हमारे लोकजीवन में विकास के कारणों की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पहचान करने में सहायक होगा ।
कोरियन अल्पाइन क्लब हर एक अभियान में सांगठनिक योग्यता और अनुशासन को बढ़ावा देते हुए पर्वतारोहण खेल कार्यक्रमों द्वारा वैज्ञानिकता और धैर्यशीलता को सिखाती है । क्लब नियमित रूप से ग्रीष्म और शीत ऋतु में परियोजना के लिए ऊँचे पहाड़ वाले दूर-दराज के दुर्गम क्षेत्रों को चुनता है जहाँ से इस क्षेत्र में घुसपैठ कर पाना मुश्किल है । क्लब कि वैज्ञानिक शोध दल को सांस्कृतिक और प्राकृतिक विषयों को शामिल करता है और XXX के शोध अध्ययन को सत्यापित करता है । क्लब हमारे देश प्रेम के जज्वे को प्रोत्साहित करने के लिए हमारे भूक्षेत्रों को वैज्ञानिक तरीके से चाहता है ।
1947 के अभियान में क्लब सोबाएक पर्वतमाला में एक वैज्ञानिक शोध कार्यक्रम को आयोजित कर रहा था, वहाँ क्लब ने एक बेजोड़ और बेमिसाल दल को उल्लुंग्दो भेजने का निर्णय लिया । ऐसा इस लिए किया गया क्योंकि उल्लुंग्दो एक अलग-थलग द्वीप है पूर्वी सागर का, जिसको युद्ध के समय जापानी आक्रमणकारियों से बचाव के लिए 10 सालों तक सुनिसोजित सैन्य क्षेत्र बनाया गया था ।उल्लुंग्दो को अब और अधिक समय तक अलग-थलग द्वीप नहीं होना चाहिए । पहले योजना बनायी गयी, फिर कार्यान्यक्ति किया गया, अन्त में प्राप्त हुयी ।
दोक्दो जो की उल्लुंग्दो से दक्षिण-पूर्व दिशा में 48 समुद्री मील की दूरी पर एक अप्रवासी द्वीप है, सेना की दोक्दो जाने की सुचना प्रसारित नहीं की जाती थी इसलिए कि XXX पर सवाल न खड़े हों । वास्तव में दोक्दो का आकस्मिक भ्रमण वो शुरू से ही अभियान में शामिल था ।
<अभियान दल का संगठन>
दल दो खेमों में बंटा था । हेडक्वार्टर दोनों दलों की सारी गतिविधियों को अपनी 15 सदस्यीय टीम से संचालित करता था । उसमे से कुछ लोग वैज्ञानिक शोध समूह में भी सम्मिलित थे जो कि दो यूनिट में बंटा था : सामाजिक विज्ञानं इकाई A (इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, पुरातत्व, लोक-साहित्य और भाषा; यह दस सदस्यों के द्वारा संचालित होता था); सामाजिक विज्ञानं इकाई B (सामाजिक-आर्थिक प्रस्घित का सर्वेक्षण 11 सदस्यीय लोगों द्वारा होता था); पशुवर्ग इकाई (6); वनस्पति इकाई: (9); कृषि और वन इकाई (4); भूगर्भशास्त्र और खनिजशास्त्र इकाई (2); चिकित्सा इकाई (8); मीडिया इकाई (फोटोग्राफी और रेडियो का संचालन 8 सदस्यों द्वारा) ।
यह 63 सदस्यीय और 8 इकाइयों वाला एक बड़ा दल था । जब अंतिम गठजोर ने दक्षिणी कोरिया की अंतिम सर्कार के 4 खोजकर्ताओं, ग्योंसांगबुकदो सूबे के सरकारी कर्मचारियों और पांचवे सीमा के पदाधिकारियों को सम्मिलित किया तब अभियान में 80 लोग शामिल थे । वैज्ञानिक शोध समूह के ज्यादातर सदस्य विश्वविद्यालय के अकादमिक कर्मी (Academics) और सरकारी संस्थानों के विशेषज हैं । अभियान ने अपनी भर्ती में सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से लोगों को शामिल किया है जिस पर हम गर्व की अनुभूति कर सकते हैं, एक ऐसा कर्तव्य जिसका देश और दुनिया से कोई मुकाबला नहीं हो सकता है ।
प्रतिभागियों के विश्वविद्यालय और संस्थान अग्रलिखित हैं : उनमे से दो सीओल राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के आर्ट्स और विज्ञानं संस्थान से हैं ; एक कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स (Commerce) से ; दो फार्मेसी से ; छे मेडिसिन कॉलेज से ; एक महिला मेडिसिन कॉलेज से ; एक Suwon कृषि शोध स्टेशन से ; तीन राष्ट्रीय विज्ञानं संग्रहालय से ; एक राष्ट्रीय संग्रहालय से ; एक राष्ट्रीय लोक संग्रहालय से ; दो कोरियन संस्थान के भूविज्ञान और खनिजक्षेत्र से ; एक राष्ट्रीय क्वारंटाइन प्रयोगशाला से और एक ग्योंगीदो के जीवाणुतत्व प्रयोगशाला से । इसमें ग्यारह माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक, संचार मंत्रालय से एक रेडियो टेक्निशियन और कॉमर्स मंत्रालय से एक विद्युतकर्मी भी थे ।
प्रत्येक इकाई को अपने आगे की इकाई को सहयोग और प्रोत्साहित करते थे । सभी दल को टीम भावना से काम करना होता था इस अपने के साथ की सभी टीम सफल हो सके । ऐसा नहीं था की सिर्फ XXX के प्रस्ताव को ही माना जाता था बल्कि अभियान के क्रियाकलापों में सभी दल विचार रखते थे ।