> मटेरियल केंद्र > दोक्दो, कोरियन प्रायद्वीप में जापानी अधिक्रमण का पहला शिकार > राष्ट्रीय स्वतन्त्रता के बाद दोक्दो पर विशेषाधिकार
हानसोंग इल्बो
पूरी अभियान प्रक्रिया को वैज्ञानिक शोध रिपोर्टों को प्रकाशित करके अंतिम रूप दिया जायेगा । उससे पहले हम डीब्रीफिंग सत्र और प्रदर्शनिया आयोजित कराते हुये आम जनता को एक सामान्य रिपोर्ट के माध्यम से इस द्वीप से रूबरू करायेंगे । 10 सितम्बर को सीओल विज्ञानं संग्रहालय में आयोजित डीब्रीफिंग सत्र को अपार सफलता मिली । अगली प्रदर्शनी नवम्बर के शुरुआती दिनों में सीओल में होगी, यदि परिस्थितियाँ अनुमति देंगी तो दैगु में भी होगी । प्रदर्शनी प्रत्येक इकाई के XXX मटेरियल को मीडिया यूनिट द्वारा बड़ी मशक्कत के बाद खींची गयी फोटोग्राफ के साथ प्रदर्शित किया जायेगा । हमारी वैज्ञानिक रिपोर्ट उल्लुंग्दो के हर पक्ष को वैज्ञानिक दृष्टिकोण में रख देंगी और ये रिपोर्ट संदर्भ शोध ग्रंथ की तरह कोरियाई एकाँडमिया में काम आयेंगी । हम उदारता पूर्वक बहुत सी आलोचनों की अपेक्षा करते हैं । इससे पहले कि हम उपर बताये गए काम को पूरा कर पाते, हमसे उल्लुंग्दो अभियान का निष्कर्ष पूछा जाने लगा और हमें लगता है, कि हमें साधारण लेकिन प्रभावी शब्दों में निष्कर्ष का निचोड़ बता देना चाहिए । जैसा कि पहले ही डीब्रीफिंग सत्रों में दिखा दिया गया है, हम, सभी उल्लुंग्दो अभियान में शामिल प्रतियोगी, निम्नलिखित सामान्य निष्कर्षों पर पहुँचे हैं :
अर्थात्, 1. पूर्वी समुद्र की तरफ राष्ट्रीय शान्ति को विकसित करने में उल्लुंग्दो हमारे भू-क्षेत्र में एक विशिष्ट भौगोलिक स्थित में है ।
2. हालांकि द्वीप निचली पेंचदार स्थित में है । यदि इसे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था के बिना सरकार द्वारा छोड़ दिया जाये तो यह 10 सालों के अन्दर ही समाप्त हो जायेगा । इसकी परिस्थित आगे भी बयानित की गयी है और सम्बंधित अधिकारियों को सुझाव भी दिए गये हैं :
1) यातायात की समस्या सुलझानी चाहिए । द्वीप और पोहांग के बीच में बेहतरीन जहाजों द्वारा यहाँ के निवासियों द्वारा महसूस किए जा रही एकान्तता, मुख्य द्वारा के समाज से कटाव (दैनिक जीवन, जीवन-यापन, संस्कृति के रूप में) को दूर किया जाना चाहिए ।प्रशासन, दफ्तर या पुलिस में से कम से कम एक को निगरानी और बचाव करने के लिए एक नाव देनी चाहिए ।
1) मछलीपालन इस द्वीप का एक मात्र उद्योग है और इसे विशेष रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए । अभी तक यह उद्योग सागर के किनारों तक सीमित है, विशेष रूप से, कटल-मीन पकड़ने की आदिम शैली के कारण मछुआरों के प्रयास व्यर्थ हो जाते हैं । मछली उद्योग से सम्बंधित जन-सुविधाओं को बढ़ावा देते हुए यहाँ के निवासियों के भरण-पोषण पर ध्यान देना चाहिए । यह एक मुश्किल काम है । इस द्वीप को गहरा समुद्री मछली पालन का केन्द्र बनाने के लिए, मछली पकड़ने के औजार और नावों को सुधारना या बदल देना चाहिए । जोखिम और चिन्ताओं को, जो यहाँ के मछुआरों द्वारा 700टन नावों को प्रयोग करने से आयी हैं, चिन्हित करना चाहिए, जिससे इनकी सीमित कार्यक्षमता बढ़ जायेगी । ऐसा करने से मछलीपालन द्वारा ही इनकी आय बहुत अच्छी हो सकती है ।
1) क्योंकि द्वीप की कृषिभूमि पर्वतीय ढलानों पर 40 से भी अधिक डिग्री पर है, जंगल की सुरक्षा के तहत कृषियोग्य भूमि सीमित है । जंगल की प्राकृतिक गुणबत्ता सबसे पहले इस द्वीप में मानव के बसने की तुलना में बदतर हो गयी है क्योंकि बीच के समय में लोगों द्वारा जंगल जलाकर रास्ता बनाने से और जापानी आक्रमणकारियों द्वारा की गयी चोरियों से इस द्वीप की प्राकृतिक सम्पद को क्षति हुई । अगर दस सालों तक इस द्वीप के वनों पर ध्यान न दिया गया तो पूरा द्वीप ही नष्ट हो जायेगा । वनों को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा जिससे हम नावों, निर्माण कार्यों तथा फर्नीचर के लिए लकड़ी प्राप्त कर सके, और इसका निर्यात भी कर सकें । सूती कीड़ों की खेती तथा सूती वस्त्रों के निर्माण को भी खेतिहर तथा अर्ध-खेतिहर परिवार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए । द्वीप में जंगल भूमि का निर्माण करने के साथ-साथ ही पशुपालन के माध्यम से द्वीप के विशेष पशुओं तथा उत्पादों को प्रोत्साहित करना चाहिए ।
1) बन्दरगाह निर्माण और विद्युत् संयंत्रों के फैलाव के लिए तमाम असुविधाजनक प्राकृतिक परिस्थितियों से जूझते हुए बन्दरगाह निर्माण सुविधा जैसे ब्रेकवाटर सही जगह और सही दिशा में होनी चाहिए । हम प्राकृतिक उद्गम-स्थल के आभारी हैं । ऐसा लगता है कि मछली उद्योग के लिए 500 KWh का जलशक्ति उत्पादन सम्भव है ।