11. 『दाईहनशिनजीजी』 (जियांग जी योन, 1907) (खंड-2 अध्याय-6 ग्योंसांगबुकदोप्रांत)
उल्दो (130 डिग्री 45 से 35 मिनट उत्तरी अक्षांश और 37 डिग्री 34 से 31 मिनट पूर्व देशांतर) पुराना उल्लुंग्दोहै और उल्जिन (ग्योंसांगबुकदो प्रांत) से 300 ली(118 कि. मी.) में स्थित है। इसे उरुंगयामुरुंग भी कहा जाता है। यहाँ तीन गगनभेदी पर्वत हैं और खुशनुमा मौसम में शिखर पर पेड़ों की छटा और इसके नीचे मरुस्थलीय मैदान स्पष्ट देखे जा सकते हैं। यहाँ से 500 ली(196 कि. मी.) के क्षेत्र में चारों तरफ जमीन है। यहाँ प्राचीन समय में एक साम्राज्य था जिसे सिल्ला साम्राज्य के सेनापति यी सा-बूने राजा जिजुंगके राज में लकड़ी के शेर की मूर्ति का इस्तेमाल कर जनता को धोखे से आत्मसमर्पण करवाकर पराजित कर दिया। कोरियावंश के समय से ही द्वीप के लोग उपहार देना कभी बंद नहीं करते थे, लेकिन इसे योजिनद्वारा हमेशा लूट लिया जाता था और अंततः यह पूरी तरह वीरान हो गया। कोरियाके राजा ओईजोंगके शासन में इसे फिर से स्थापित करने का प्रयास किया गया, मगर तूफान ने हमेशा इसे बर्बाद कर दिया।
जोसन के राजा थअईजोंगके शासन के दौरान एक दूत किम इन-वूको द्वीप से भागे लोगों को बुलाकर लाने का आदेश दिया गया था। राजा सेजोंगके 20 वर्ष के शासनकाल में एक सेना का अधिकारी नम होको लगभग सत्तर लोग जो द्वीप से भाग गए थे, उनको वापस लाने के लिए भेजा गया था। राजकुमार ग्वांगहै के शासनकाल(1615) के सातवें वर्ष में दो जापानी जहाज द्वीप पर पहुँचा जिसे शाही दरबार ने वापस लौट जाने का दरबारी फरमान भेजा। जब स्सुशिमाके प्रशासक फ्योंग उई-शीन ने दो जहाजों को भागा दिया, तो जाँच किए जाने वाले दस्तावेजों का कोई अर्थ नहीं था, जिसके लगातार आदान प्रदान से अन योंग-बोक घटना को अंजाम दिया गया। हालांकि, इसे सही ढंग से सुलझा लिया गया। इसका अलग से वर्णन किया जाएगा।
इस द्वीप में Bupleurum(Bupleurumfalcatum), heathgrass, और Ligusticum sinense oliver जैसे औषधीय तत्व पाये जाते हैं। यहाँ की मिट्टी इतनी उपजाऊ है कि यहाँ विशाल पताकानुमा बांस के पेड़, चूहे जो बिल्ली जैसे थे और खेतीनुमा गड्ढे को ground bowls को माप-तौल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ समुद्री शेर पाये जाते हैं। इस द्वीप पर पाये जाने वाले येश और वर्च के पेड़ इतने मजबूत होते हैं कि इसे मजबूत नावों को बनाने में उपयोग किया जाता है। यह द्वीप अन्य वृक्षों के मामले में भी धनी है। इस द्वीप पर सालाना 500 से 600 थैले बीनउपजते हैं और पतझड़ के मौसम में यहाँ पानी पर उड़ने वाले धारीदार पक्षी जमा होते हैं जिसके चमड़े को यहाँ के निवासी वसायुक्त भोजन और लालटेन/लैम्प तेल के रूप में प्रयोग में लाते हैं। Agar-Agar नामक कोरियाई जंगली अंगूर और अन्य खाद्य पदार्थ यहाँ उपजाये जाते हैं। यहाँ वसंत के मौसम में औषधीय पानी आता है ; जो स्वाद में खरा मगर कई बीमारियों में औषधि के रूप में काम में आता है। इसके दक्षिणपूर्व में उसानदो (दोक्दो) द्वीप स्थित है।
* दाईहनशिनजीजी:जांग जी योनद्वारा लिखित एक पाठ्यपुस्तक है और उपर्युक्त तथ्य ग्योंसांगबुकदो प्रांत के खंड 2 के अध्याय 6 में है।