2. कोरियाई प्रायद्वीप में जापान के साम्राज्यवादी आक्रमण और प्रबल उपनिवेशवाद का दोक्दो सबसे पहला शिकार बना था l उस तरह के ऐतिहासिक तथ्य जिसे नकारा नहीं जा सकता होने के बावजूद, क्या जापान सरकार को इस क्षेत्र पर इस तरह के उकसाने वाली प्रवृर्ति को जारी रखना चाहिए ? पिछले समय में अपने किये गए कुकृत्य के लिए जापान के माफी और आत्मग्लानी के साथ-साथ उसके तथाकथित शांति के लिए सक्रिय योगदान को अंतर्राष्ट्रीय जगत/समुदाय में कोई भी स्वीकार नहीं करेगा l
3. पिछले शताब्दी में जापान ने अपने पड़ोसी देशों को जो अकथनीय क्षति और दर्द दिया है उसके लिए जापान सरकार को दिल से शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए और दोक्दो के ऊपर अपने तथ्यहीन अधिकार जताने के कुकृत्य को रोकना चाहिए l यदि जापान ऐसा करने में असफल होता है तो पड़ोसी मुल्क का जापान के ऊपर अविश्वास और गहराएगा और कोरिया और जापान के संबंधों में शायद हीं कोई प्रगति देखने को मिलेगा l