Korean Islands, Korean territory, Dokdo, Tokdo | MOFA Republic of Korea

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दोक्दो से संबंधित प्रश्नोत्तरी

सन 1954 में दोक्दो मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने के जापान के सुझाव पर कोरियाई सरकार का जवाब क्या है ?

1954 में जब जापान की सरकार ने यह मांग की थी कि दोक्दो के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्यालय (ICJ: International Court of Justice) में ले जाना चाहिए तब कोरिया गणराज्य की सरकार ने निम्नलिखित पक्ष पेश किये थे।

सरकार का प्रस्ताव कुछ और नहीं बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के रूप में एक और गलत छद्म रूप है l दोक्दो के ऊपर कोरिया का क्षेत्रीय अधिकार है और कोरिया को इसमें कोई तर्क नहीं दिखता है कि क्यों उसे इस अधिकार के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यालय (ICJ) से कोई सत्यापन लेना चाहिए।

जैसा कि जापान की सरकार निसंदेह इस तथ्य को अच्छी तरह से जानती है कि आक्रमण और अतिक्रमण धीरे धीरे हुआ, और 1910 में पुरे कोरिया के ऊपर जापान के शासन के रूप में पल्लवित हुआ l सारे ब्यवहारिक कार्य के लिए 1904 में जापान ने कोरिया को नियंत्रित करने के लिए सारी शक्तियों को जब्त कर लिया l जापान ने कोरिया को तथाकथित कोरिया जापान प्रोटोकोल को हस्ताक्षर करने पर वाध्य कर दिया l यह कोरिया और जापान के बीच में पहला समझौता था।

दोक्दो कोरिया गणराज्य का पहला क्षेत्र था जो जापान के आक्रमण का शिकार बना l दोक्दो के ऊपर जापान के अतार्किक एवं अनुचित दावे को देखते हुए कोरियाई लोगों ने उस पर गंभीरता से विचार किया कि हो सकता है कि जापान फिर से उकसाव और उतेजना को दोहरा रहा है। कोरिया के लिए दोंग्है (शिमाने सागर) में सिर्फ एक छोटा द्वीप नहीं बल्कि कोरिया के संप्रभुता की पहचान है।

कोरिया गणराज्य की सरकार इसी स्थिति को आगे भी कायम रखेगा।

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