19 वीं शताब्दी के आखिर में जापानी लोगों के द्वारा उल्लुंग्दो में अनधिकृत तरीकों से पेड़ काटने जैसी कुछ समास्याएँ होने के कारण जहाँ एक और कोरियाई सरकार ने जापान सरकार से गुजारिश की कि वो इन लोगों को वहाँ से दूर करें, वहीँ दूसरी ओर उल्लुंग्दो के स्थानीय प्रशासन से सम्बंधित कानून को सख्त करने का फ़ैसला किया।
24 अक्टूबर 1900 को तत्कालीन कोरियाई सर्वोच्च प्रशासनिक संगठन उईजंगबु ने यह निश्चय किया की उल्लुंग्दो का नाम परिवर्तित कर उल्दो कर दिया जाये और इंस्पेक्टर(दोगाम) के पद को जिला न्यायाधीश(गुनसु) में पदोन्नत किया जाये। इस निर्णय को 25 अक्टूबर 1900 में सम्राट गोजोंग द्वारा अनुमोदित किया गया और 27 अक्टूबर 1900 को सरकार ने इसे सरकारी राजपत्र में 『शाही धारा संख्या 41』 के रूप में प्रकाशित किया ।
『शाही धारा संख्या 41』 के अनुच्छेद संख्या 2, यह स्पष्ट करता है कि उल्लुंग्दो के साथ-साथ जुकदो और सक्दो भी उलदो प्रांत के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाएगा। और यह बात इस तथ्य की पुष्टि करता है कि दोक्दो उल्दो प्रान्त के अधिकार क्षेत्र में आता था।
इस प्रकार, इस ऐतिहासिक तथ्य को कि कोरियाई सरकार ने उल्लुंग्दो के एक भाग के रूप में दोक्दो पर अपने प्रभुत्व को बनाये रखा था, 『शाही धारा संख्या 41』में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है ।