जोसन (कोरियाई) सरकार ने उल्लुंग्दो के नागरिकों को कोरिया की मुख्य भूमि पर बुलाकर रहने के प्रबंध करने के लिए कुछ अधिकारियों को उल्लुंग्दो भेजा। इसे 'प्रत्यार्पण नीति' कहा जाता है।
जोसन (कोरियाई) सरकार ने यह नीति समुद्री डाकुओं के उल्लुंग्दो पर हमले के डर से अपनाया था न कि उल्लुंग्दो पर अपने संप्रभुता को छोड़ने के लिए।
जोसन (कोरियाई) सरकार द्वारा शुरू से हीं अधिकारियों को उल्लुंग्दो भेजना यह साबित करता है कि जोसन सरकार ने काफी पहले से उल्लुंग्दो पर अपने अधिकार को बनाये रखा था। जोसन सरकार प्रारंभ से हीं सुनसिम ग्योंगछाग्वान(विशेष सरकारी अधिकारी) को उल्लुंग्दो भेज रही थी। राजा सुकजोंग के शासनकाल के दौरान, सरकारी गश्ती और निरीक्षण प्रथा(सुथो प्रथा) लागू की गई और 1895 तक इस प्रथा के बंद होने तक सरकारी अधिकारियों को नियमित रूप से उल्लुंग्दो और अन्य ऐसे स्थानों पर भेजा गया।