जापानी सरकार के आदेश से एदो काल में मानचित्र निर्माता इनो थादाथागा के द्वारा तैयार किया हुआ 『दैइल्बोन योनहै यजिजनदो(जापान के तटीय क्षेत्र का मानचित्र)』 (1821) तथा कई और जापानी सरकारी मानचित्रों में दोक्दो को नहीं दिखाया गया है। दोक्दो का जापानी सरकार द्वारा प्रमाणित इन मानचित्रों से गायब होना जापानी सरकार द्वारा दोक्दो को गैर जापानी क्षेत्र के रूप में स्वीकारोक्ति को साबित करता है।
एदो काल के कन्फ़्यूशी विद्वान नागाखुबो सेखिसुई के द्वारा तैयार किया हुआ ' 『जंग इल्बोन यजिरो जंगजनदो(जापानी भूमि और सड़कों के संशोधित नक्शा)』1779, प्रथम संस्करण), जिसे जापानी सरकार द्वारा दोक्दो पर अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता साबित करने के प्रयास के रूप में प्रस्तुत किया गया है, कि उल्लुंग्दो और दोक्दो को जापानी क्षेत्र के रूप में नहीं दिखाता है।
दखेशिमा(उल्लुंग्दो) उर्फ़ इसोदखेशिमा मिस्सुशिमा(दोक्दो) से कोरिया को देखना उन्शु(आधुनिक शिमाने प्रान्त का पूर्वी भाग) से ओन्शु(ओखी द्वीप) को देखने के जैसा है।
竹島 一云磯竹島
松島
見高麗猶雲州望隠州
इस मानचित्र में चित्रित दोक्दो और उल्लुंग्दो के बगल में 『उन्जु सीछंग हाब्की』में लिखित एक उद्धरण लिखा हुआ है, और 『उन्जु सीछंग हाब्की』पर आधारित यह मानचित्र यह दर्शाती है कि जापान की पश्चिमोत्तर सीमा ओखी द्वीप तक है।
सन 1779 में प्रकाशित मानचित्र के पहले संस्करण में और साथ ही बाद के आधिकारिक संस्करणों में उल्लुंग्दो और दोक्दो को कोरिया की तरह जापानी प्रदेशों से अलग बिना रंग के दिखाना और जापान की अक्षांशीय और देशान्तर लाइन से बाहर दिखाना, आदि ये साबित करते हैं कि उल्लुंग्दो और दोक्दो जापान का हिस्सा नहीं हैं।