> मटेरियल केंद्र > दोक्दो, कोरियन प्रायद्वीप में जापानी अधिक्रमण का पहला शिकार > गवाही खाता और तस्वीर
गवाही खाता, हाँग जअई-ह्योन
बयान
जैसा कि आपलोग मेरे घर पर आये और कब्जे में लिये गये उल्लुंग्दो द्वीप के बारे में मुझसे जानना चाहते हैं मैं यहाँ बयान करता हूँ :
1. मेरा नाम हाँग जअई-ह्योन है । मैं उल्लुंग्दो में 60 साल पहले गाँगवान-दो प्रांत के गाँगरुंग से आया था और तब से मैं यहाँ रह रहा हूँ । मेरी उम्र 85 साल है ।
1. सभी निवासी जानते हैं कि दोक्दो उल्लुंग्दो द्वीप के अन्तर्गत आता है जबसे यहाँ इन्सानों ने बसना शुरू किया है ।
1. पैंतालिस वर्ष कि अवधि में मैं खुद 4 से 5 बार दोक्दो गया हूँ और दुसरे गाँववासियों के साथ किम याँग-गोन और बअई सु-गोम, समुद्री तेल जमा करते थे और समुद्री शेर पकड़ते थे ।
1. दोक्दो के मेरे अन्तिम यात्रा के दौरान मैंने एक जापानी पतीला उधार लिया और दो लोगों को किराये पर भी ले लिया जो इस पतीले के मालिक थे उनका नाम था मुराकामी और ओओगामी । मैंने उनके साथ मिलकर शिकार किया ।
1. अच्छे दिनों में उल्लुंग्दो से दोक्दो को हम अच्छे तरीके से देख सकते हैं, और उल्लुंग्दो के कुछ जहाज पूर्वी समुद्र में दोक्दो के तट पर चलते हैं । उल्लुंग्दो के निवासियों द्वारा दोक्दो में रूचि रखना अत्यावश्यक है ।
1. ग्वाँगमूके दस वर्ष (1906) में ओकी द्वीप के मजिस्ट्रेट के साथ एक समूह ने उल्लुंग्दो का दौरा किया और बेतुकी दावेदारी करते हुये दोक्दो को जापान का हिस्सा बताया ।
1. फिर मैंने सुना कि तब के काउन्टी मजिस्ट्रेट शिम हंग-थैक ने ओकी मजिस्ट्रेट की बेतुकी दावेदारी का विरोध किया तथा ग्राम प्रमुख जोन जअई-हाँग और दुसरे सामुदायिक नेताओं के साथ बातचीत करके जापान द्वारा आ रहे इस खतरे की सूचना उन्होंने उच्च अधिकारिओं को भी दी ।
1. मैं पूरी तरह से अवगत था कि यह उल्लुंग्दो के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है । मेरे जोन जअई-हाँग के साथ सामाजिक सम्बन्ध थे और मैं अक्सर प्रशासन के दफ्तर जाता रहता था ।
1. जब मछुआरों और द्वीप के निवासियों ने जापान द्वारा की गयी दावेदारी को सुना तो वे दगा सा महसूस करने लगे ।
1. यह दुःखद था कि मजिस्ट्रेट द्वारा रिपोर्ट किये जाने के बावजूद, जापानी शक्तियाँ कोरिया को हथियाना चाह रही थी, हमने कोई भी अच्छा समाचार नहीं सुना, और जापान ने कोरिया पर कब्जा कर लिया ।
20 अगस्त, 1947
170, सा-दोंग, नाम-म्योन, उल्लुंग्दो
हाँग जअई-ह्योन (मुहर)